कजिन सिस्टर के साथ डॉक्टर डॉक्टर खेला | Rangeen Raate Sex Story
इस कहानी की हीरोइन मेरी कजिन सिस्टर है वो मेरे से 8 साल बड़ी है उसका नाम मीनाक्षी है और वो अभी 2 बच्चों की मम्मी है। मिनाक्षी की हाइट 5’7″ है और साइज 34-30-34 है। लेकिन सबसे खूबसूरत उसकी कातिलाना आंखों और गुलाबी गुलाबी होंठ हैं।
अब सीधा कहानी पे आता हूं।
ये बात बचपन की है जब मैं 4 साल का था और मिनाक्षी 12 साल की थी और हम लोग गांव में ही रहते थे। दीदी का घर और मेरा घर की एक ही दीवार है। मैं मिनाक्षी को हमेशा दीदी बुलाता था। मैं उनसे बहुत ज्यादा ज्यादा क्लोज था, वो अक्सर मुझे अपने साथ में सुलाती थी, साथ में ही खाना खिलाती थी, साथ में स्कूल लेके जाती थी और साथ में ही नहलाती थी।
एक बार मैं मिनाक्षी दीदी के घर गया तो हम दीदी बहुत ही खूबसूरत लग रही थी। मैंने दीदी से बोला की दीदी आज आप बहुत खूबसूरत लग रही हो तब दीदी में मुझे गाल के किस किया और थैंक यू बोला।
कुछ दिनों की बात दीदी मेरे घर आई उस दिन मैं नए कपड़े पहनने हुए थे। तब दी ने मुझे बोला कि आज तू बड़ा स्मार्ट लग रहा है। मैने दीदी को थोड़ा झुकने का इशारा किया। जैसे ही दीदी नीची झुकी मैंने उनके गाल को किस करके थैंक यू बोला तो दीदी ने अपनी कातिलाना स्माइल दी।
एक दिन में दीदी के घर गया तो दीदी ऐसे ही बैठी थी। मुझे देख के दीदी खुश हो गई और बोली कि अच्छा हुआ तू आ गया मैं बैठे-बैठे बोर हो गई। हम कुछ खेलते हैं। तब मैंने बोला क्या खेले ?
मिनाक्षी - चल राकेश हम डॉक्टर डॉक्टर खेलते हैं।
राकेश - दीदी मुझे तो आता नहीं है
मिनाक्षी - मैं तुम्हें सीखा दूंगी, मैं डॉक्टर बनती हूं और तुम पेशेंट।
राकेश - ठीक है दीदी।
मिनाक्षी - पहले तुम मेरे पास आओ और बोलो, पेट में दर्द हो रहा है।
राकेश – डॉक्टर डॉक्टर, मेरे पेट में बहुत दर्द हो रहा है।
मिनाक्षी- ठीक है बेड पे सो जाओ।
दीदी ने मेरे पेट के ऊपर हाथ फेर के बोला की टेस्टिंग करनी पड़ेगी उसके लिए कपड़े उतारो। मैंने टी शर्ट और निक्कर उतार दी। अब मैं पूरा नंगा हो गया। तब दी ने बोला आंख बंद करलो। मैं आंख बंद करके सो गया। अब दी ने सबसे पहले मेरा पेट में हाथ रखा फिर धीरे धीरे नीचे आके मेरे लंड को पकड़ के बोली।
मिनाक्षी -समस्या यह है, इसका इलाज करना पड़ेगा।
राकेश – प्लीज डॉ इलाज किजिए बहुत दर्द हो रहा है।
तब दीदी ने मेरे लंड को पकड़ के ऊपर नीचे करने लगी मुझे भी बहुत मजा आ रहा था।
राकेश - आआआआआआह दी बहुत मजा आ रहा है।
मिनाक्षी – दी नहीं, डॉक्टर हु मैं।
राकेश - सॉरी डॉक्टर अब बहुत ठीक लग रहा है, दर्द में बहुत फ़र्क है।
मिनाक्षी - गुड, अभी इस्पे मेडिसिन लगाना बाकी है।
इतना कहते ही दीदी ने मेरा लंड अपने मुँह में ले लिया और जैसे कोई बच्चा लॉलीपॉप को चुस्ता है वैसे ही दी मेरे लंड को लॉलीपॉप की तरह चुनने लगी। मैं तो जैसे स्वर्ग में पहुंच गया 5 मिनट चुनने के बाद दीदी ने बोला-
मिनाक्षी - तुमको 7 दिन रोजाना ये इलाज करना है तुम्हारा सारा दर्द दूर हो जाएगा।।
राकेश - ठीक है डॉक्टर।
मिनाक्षी – ये बात किसी को बताना मत अगर तुमको और भी मजा लेना हो तो।
राकेश - ठीक है दीदी किसी को नहीं बोलूंगा।
ऐसे ही 7 दिन तक दीदी डॉक्टर बनी और मैं मरीज और ऐसे ही रोजाना मेरा लंड के साथ खेलती, कभी चुस्ती, ये खेल चलता रहा। फ़िर 7 दिन बाद, दीदी ने मुझे बोला कि अब तू डॉक्टर बन और मैं रोगी। मैंने कहा ठीक है।
मिनाक्षी - डॉ साहब मेरे सीने में बहुत दर्द हो रहा है।
राकेश - कहा पे दर्द हो रहा है?
मेरा दोनो हाथ पकड़ के अपने बूब्स पे रख दिया और बोली की पुरे बूब्स पे। (उस समय दीदी के बूब्स निबू के जैसे छोटे छोटे थे)। तब मैं दीदी के छोटे छोटे बूब्स को कपड़े के ऊपर से जोर से दबा दिया, दीदी ने जोर से आआआआआआआआह्ह्ह्ह्ह्ह चिलिया। मैं डर गया, तब दीदी ने बोला धीरे-धीरे दबाओ। तब मैं धीरे-2 दबाने लगा। अब दी को भी मजा आने लगा।
मिनाक्षी - हाँ डॉ साहब, बहुत मजा आ रहा है ऐसे ही करते रहो।
राकेश - अब कैसा लग रहा है?
मिनाक्षी - अब कुछ ठीक लग रहा है
ऐसे ही 3 दिन तक कपडे के ऊपर से मिनाक्षी दीदी के बूब्स दबाने का खेल चलता रहा। अगले दिन जब खेल चालू हुआ तो मैंने दी से बोला-
राकेश – मिनाक्षी दीदी आज आपका पूरा चेक अप करना पड़ेगा और मालिश भी।
मिनाक्षी- दीदी नहीं, अभी में मरीज हूं।
राकेश – सॉरी सॉरी, ओके मिनाक्षी अब रेडी हो जाओ आपका फुल चेक-अप होगा और साथ में मलिश भी।
मिनाक्षी- ठीक है डॉ.
राकेश - अपने सारे कपड़े उतार दो और जाने दो।
दी ने एक एक करके सारे कपड़े उतार दिए और नंगी हो गई तो गई। मैंने दी के बूब्स को हाथ लगाया तो ऐसा लगा जैसे मैंने कोई कॉटन की बॉल को हाथ लगाया हूं। अब मैं हल्के हल्के कॉस्को के बॉल जैसे बूब्स को दबाने लगा। दी को भी मजा आने लगा।
मिनाक्षी - हाँ डॉ साहब ऐसे ही मसाले रहे, बहुत राहत लग रही है।
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