Office Sex | Real Sex Story | ऑफिस में चुदाई करने की Fantasy

Office Sex | Real Sex Story | ऑफिस में चुदाई करने की Fantasy

हेलो दोस्तों, मैं रंजीत बहुत साल के बाद अपनी कहानी लिख रहा हूँ गलतिया हुई तो माफ़ करना। आपको ज्यादा बोर न करके सीधे कहानी पर आता हूँ। - Real Office Sex Story

ये कहानी है कुछ आज से 2 साल पहले की जब में नया नया काम पे लगा था। तब मुझे सेक्स के लिए बहुत उत्सुकता थी लेकिन हिलाने के अलावा कभी किसी को चोदा नहीं था बहुत बार मौका मिला लेकिन कहीं कर नहीं पाया।

तो 2 साल पहले जब में ऑफिस में काम में लगा वहां एक खूबसूरत लड़की थी एकदम गोरी चिट्टी उसके होंट एक्दम रसिले, अगर बूब्स की बात करूं तो झूठ लिखना नहीं चाहूंगा, उसका बूब्स 34 का था कमर 30 कि और गांड थी कुछ 36 की थी, मुझे पता है क्योंकी मैंने हमारी चुदाई के बाद उसके लिए लॉन्जरी खरीद कर बर्थडे गिफ्ट दिया था।



 
उस लड़की नाम दिव्या था जैसे मैंने कहा दिखने में हॉट थी और हमारे ऑफिस में ज्यादातर लड़कियां थी और सिर्फ 4 लड़के थे , क्यूकी में एक छोटी सी कंपनी में काम करता था। तो जब उसे मैंने पहली बार देखा, मुझे उसे देख कर ऐसा लगा की बस यही होती है असली महिलाओं की बॉडी और बस अब यही सोच रहा था की इससे बात कैसे चलाऊ। (Keep Reading - Real Sex Story )

एक दिन मुझे मौका मिला जब सीनियर ने मुझे बोला की जाओ उस लड़की से कुछ ऑफिस के डॉक्यूमेंट ले कर आओ। वो लड़की सीनियर थी, उसकी उम्र भी 28 थी और मेरी 26, उसका खुद का अलग केबिन भी था।

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तो मैं दरवाजा खटखटा कर अंदर गया। जैसे ही उसे देखा कुछ देर के लिए उसे निहारता रहा। बाद में मेरा होश खुला तो मैंने उससे डाक्यूमेंट्स ले कर अपनी जगह वापस आ गया।

अब ऐसे ही कुछ काम निकाल कर में उससे, हाय, हैलो करता था फिर नंबर एक्सचेंज हुए लेकिन बात नहीं होती थी।

एक दिन मैंने मन बनाया लिया कि आज उससे बोल दूं कि अब मेरे से नहीं जा रहा था क्योकि वो अपने टाइट चूचे और गांड मटका के मुझे पागल करती थी। उसने मुझे बहुत बार देखा था, उसे ताड़ते हुए। तो मैंने उसे मैसेज करने का सोचा कि "आई लव यू दिव्या" लेकिन फिर मैंने मैसेज डिलीट कर दिया उसे सेंड नहीं किया।

तो दूसरे दिन हम फिर ऑफिस में मिले उस दिन बहुत सारे लोग ऑफिस नहीं आए थे। क्योंकि बारिश थी ट्रेन बंद थी और हमारा दोनो का घर ऑफिस से कुछ मुश्किल से 30 मिनट की दुरी पर था, तो वो, मैं और कुछ स्टाफ आये थे बस।
 




मैं पूरा दिन उसके बारे में सोच रहा था और जब ऑफिस से घर निकलने का टाइम आया। तब में उसके केबिन में गया, मुझे देख कर वो थोड़ी चोंक गई। उसने पूछा-

दिव्या: क्या हुआ रंजीत?

मैं: कुछ नहीं मैंने सोचा आज बारिश बहुत है तो आप से पूछ लू की घर तक छोड़ देता हूं।

दिव्या: नहीं रंजीत मेरी चिंता मत करो, मैं चली जाउंगी।

मैं: ठीक है, लेकिन....

दिव्या: क्या लेकिन...?

मैं: कुछ नहीं।

दिव्या: बोलो तो क्या हुआ?

मैं: कुछ नहीं कुछ बताना था लेकिन आप बुरा मान जाओगी।

दिव्या: नहीं तुम बताओ तो सही।

मैं: कुछ 2 मिनट शांत रहकर बोला।

दिव्या, मैं तुम्हें चूमना चाहता हूं...




दिव्या कुछ नहीं बोली। मैं अचानक वहा से भाग गया बैग उठाके सीधे घर।

फिर दूसरे दिन में ऑफिस गया, दिव्या ऑफिस नहीं आई थी तो मैं दुखी हो गया लेकिन मेरी फटी भी पड़ी थी कि अगर उसने किसी को बताया होगा तो मेरी जॉब चली जाएगी।

कुछ देर मैंने अपने मोबाइल से उसे कॉल किया उसने तुरंत उठाया। मैं झिझक में बोला, कहा हो?

वो बोली - घर पर। आज नहीं आई क्युकी मुझे पीरियड्स आ गए, तो आराम कर रही हूं, मैंने बोला "ठीक है आराम करो"

दूसरा दिन दिव्या मेरे से पहले ऑफिस आई थी, उसे देख कर में नजरे हटा रहा था। मुझे दोषी-सा महसूस हो रहा था।

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कुछ देर बाद मुझे बुलावा आया कि दिव्या आपको केबिन में बुला रही है। मैं डर के मारे जा नहीं रहा था पर फिर मैंने दरवाजा खटखटाया।





दिव्या : अंदर आओ

मैं: हाय आपने बुलाया

दिव्या : हां बैठो यहा

मैं उसके पास वाली कुर्सी पे जाके बैठा

दिव्या : रंजीत कल, उस दिन तुमने जो कहा

मैं: अचानक मैंने उसे रोकते हुए कहा, "सॉरी मैम"

मुझे रोक कर, वो बोलने लगी

दिव्या : क्या हुआ घबरा क्यों रहे हो? तुमने तो अपने दिल की बात बताई। इसमें क्या बुरा है, मैंने बुरा नहीं माना ना मुझे गुस्सा आया।

ये सुनते ही मेरी जान में जान आई

में ऊपर देख ही रहा था कि दिव्या अपने कुर्सी से उठी और आके मेरे होठ पे किश कर दिया में तो पागल सा हो गया की अब क्या करूँ। जैसे ही वो पीछे हुई, उसने जा कर केबिन का डोर लॉक किया और फिर से मेरे पास आयी और मेरी जांघो पे आके बैठी और मुझे किश करने लगी में भी उसका साथ देने लगा मेरे हाथ उसके चुचो और उसकी गांड पर घूम रहे थे।

वो हल्के से सिसकाई ssssss…. मैंने कहा क्या हुआ? वो बोली "कुछ नहीं, जो कर रहे हो करो"।

मैं उसके चुचो को दबाता गया वो मेरे बालो को नोचती रही और होंठ चुस रही थी, जैसे कोई भुकी हो।

ऐसे कुछ 10 मिनट चला फिर वो थोड़ा शांत हुई फिर मुझे स्माइल देके खुदके बाल सेट करके अपने सीट पे जाके बैठ गयी।

अब ये रोज़ का सिलसिला था में रोज़ जा कर उसको चूमता उसके बूब्स और गांड दबाता और एक दिन मैंने उसके जीन्स में हाथ डाल दीया।

उसकी चुत हाययययय…….. एकदम गरम जैसे पानी उबल रहा हो और पूरी चिकनी और चिपचिपी हो गई थी। उसने जैसे ही मेरा हाथ मेहसूस किया तो मेरे मुँह की तरफ अपने बूब्स कर दिए और बोली चुसो में जोर से एक हाथ चुत के ऊपर दुसरे से बूब्स पकड़ के चूस रहा था।




उसने धीर से मेरे कान में कहा बस "अब नहीं रहा जा रहा"।

मुझे समझ आ गया। मैंने ऑफिस के टेबल का सारा समान हटा के उसे ऊपर लिटा दिया, मेरा ये पहली बार था। मैंने उसका टॉप उतारा उसके बूब्स ब्रा के अंदर से मुझे निहार रहे थे कि बस अब खोल दो जल्दी से।

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मैंने उसकी जीन्स उतारी बहुत दिक्कत से वो बहुत टाइट जीन्स डालती थी। अब वो मेरे सामने सिर्फ मरून ब्रा और मैचिंग पैंटी जो नेट वाली थी पहने हुए थी। मैं उसको देख कर पागल हो गया। मेरा पैंट में खड़ा हो गया था।

मैं उसे चुमते हुए निचे गया उसकी चुत के रस्स से उसकी पेंटी पुरी गिली हो गई थी। मैने जैसे ही पैंटी खोल गया अंदर पुरा ट्रांसपेरेंट ग्रोल दिख रहा था जैसे किसने अंदर हेली डाल दिया हो।

जैसे ही पैंटी उतारी उसकी मदक खुशबु। उसकी चुत एक दम चिकनी, जैसे उसने वैक्स किया था। ऊपर से वो गिला और वो महक। मैंने बिना देर करे उसपे अपनी जीभ लगायी और चाटने लगा। आअह्ह क्या स्वाद आ रहा था...

मैंने पहली बार चुत देखी और टेस्ट करी थी लेकिन मैं पागल हो गया था। उसकी चुत को मैं 20 मिनट तक चाटता हूं। फिर अचानक उसने मेरे बाल नोचे और मुझे अपनी चुत से दबा दिया।

मैं सोच रहा था क्या हो रहा है, बाद में पता चला वो झड़ रही है। उसकी गिली चुत से क्रीमी पानी आ रहा था और में चाट रहा था। मुझे नहीं पता लड़कियों का क्या सीन होता है तब। लेकिन उसके बाद, उसने मुझे अपने ऊपर खींचा और मेरी पैंट से लंड जो तन कर हिल रहा था उसे अपने हाथ में लिया, उससे पानी आ रहा था।

उसमे मुझे इशारे से कहा ऊपर आओ.. मैं जैसे ही ऊपर गया उसने मेरा लुंड मुह में ले लिया, माय गुडडड!! Fuckkk, क्या फीलिंग थी ऐसा लग रहा था अब ही झड़ जाएगा।

उसे करने के लिए हमें 2 मिनट तक चूज के गिला किया और अपनी टांग फेलाय टेबल पे और मिशनरी पोजीशन में आ गई और बोली बस अब डाल दे।

मैंने बिना देर करे लंड अंदर डाल दिया, लंड बिना किसी परेशानी के अंदर सरकता गया। वो सिसकाई तब मैंने उसके मुह पे हाथ रख दिया। वो भूल गई थी के हम ऑफिस में थे।

मैं धीरे-धीरे उसे चोद रहा था। 20 मिनट के आनंद के बाद, मैंने उसके अंदर ही झाड़ दिया। जैसे ही मैंने लंड बाहार निकाला, तो मैं डर गया, उसने कहा डरो मत, मैं गोलियां ले लुंगी..



उसने पहले मेरे लंड को मुह में लेके चूसा और अपने कपड़े पहनने लगी। मैंने भी कपडे पहने। लेकिन जब वो अपना टॉप डाल रही थी मैंने उसका ब्रा से बूब्स फिर से खींच लिया और चुसने लगा।

वो बोली आज ही सब मजा लेगा क्या रुक जा।

मैंने कहा पहली बार मिला है छोड़ूंगा तो नहीं।

वो हंसने लगी और में भी हंसने लगा और हम फिर अपने काम करने लगा।

अब 2 साल हो गए उसकी शादी हो गई तब से सब सुखा है जीवन में।




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